गुरुवार, मई 31, 2012

मोहन राकेश 1 परिचय

कहानीकार उपन्यासकार मोहन राकेश का जन्म  8 JAN 1925 को अमृतसर में हुआ । और इनकी आकस्मिक मृत्यु 3 JAN 1972 को नई दिल्ली में हुयी । श्री मोहन राकेश नई कहानी आन्दोलन के सशक्त हस्ताक्षर हैं । इन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में M.A किया । तथा जीविकोपार्जन के लिये अध्यापन कार्य किया । मोहन राकेश कुछ वर्षो तक 'सारिका' के संपादक रहे । 'आषाढ़ का एक दिन' 'आधे अधूरे' और 'लहरों के राजहंस' इनके लिखे हुये नाटक हैं । मोहन राकेश जी 'संगीत नाटक अकादमी' सम्मान से सम्मानित हुये । मोहन राकेश हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाटय लेखक और उपन्यासकार हैं । समाज के संवेदनशील व्यक्ति और समय के प्रवाह के प्रवाह से एक अनुभूति क्षण चुनकर उन दोनों के सार्थक सम्बन्ध को खोज निकालना  राकेश की कहानियों की विषय वस्तु है ।
नाटय लेखन - मोहन राकेश को कहानी के बाद सफलता नाटय लेखन के क्षेत्र में मिली । मोहन राकेश को हिन्दी नाटक हिन्दी नाटकों का अग्रदूत भी कह सकते हैं । हिन्दी नाटय साहित्य में भारतेन्दु और प्रसाद के बाद यदि लीक से हटकर कोई नाम उभरता है । तो मोहन राकेश का । हालाँकि बीच में और भी कई नाम आते हैं । जिन्होंने आधुनिक हिन्दी नाटक की विकास यात्रा में महत्त्वपूर्ण पड़ाव तय किए हैं । किन्तु मोहन राकेश का लेखन एक दूसरे ध्रुवान्त पर नज़र आता है । इसलिए ही नहीं कि उन्होंने अच्छे नाटक लिखे । बल्कि इसलिए भी कि उन्होंने हिन्दी नाटक को अँधेरे बन्द कमरों से बाहर निकाला । और उसे युगों के रोमानी ऐन्द्रजालिक सम्मोहक
से उबार कर एक नए दौर के साथ जोड़कर दिखाया । वस्तुतः मोहन राकेश के नाटक केवल हिन्दी के नाटक नहीं हैं । वे हिन्दी में लिखे अवश्य गए हैं । किन्तु वे समकालीन भारतीय नाटय प्रवृत्तियों के द्योतक हैं । उन्होंने हिन्दी नाटक को पहली बार अखिल भारतीय स्तर ही नहीं प्रदान किया । वरन उसके सदियों के अलग थलग प्रवाह को विश्व नाटक की एक सामान्य धारा की ओर भी अग्रसर किया । प्रमुख भारतीय निर्देशकों - इब्राहीम अलकाजी । ओम शिवपुरी । अरविन्द गौड़ । श्यामानन्द जालान । राम गोपाल बजाज । और दिनेश ठाकुर ने मोहन राकेश के नाटको का निर्देशन किया ।
इनकी प्रमुख कृतियों में इनके द्वारा लिखे उपन्यास हैं - अंधेरे बंद कमरे । अन्तराल । न आने वाला कल । और इनके नाटक हैं - अषाढ़ का एक दिन । लहरों के राजहंस । आधे अधूरे । श्री मोहन राकेश जी के कहानी संग्रह हैं  - क्वार्टर तथा अन्य कहानियाँ । पहचान तथा अन्य कहानियाँ । वारिस तथा अन्य कहानियाँ । इनका निबंध संग्रह  - परिवेश है । इनका अनुवाद कार्य - मृच्छकटिक । शाकुंतलम है । और इन्हें
संगीत नाटक अकादमी 1968 सम्मान से सम्मानित किया गया ।
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