बुधवार, जून 09, 2010

साली गुङ चीनी से मीठी

साली फ़ूल चमेली का ।
कचनार कली औ फ़ूलन की डाली ।
साली होत अंगूर सन्तरा ।
सेव अनारन से रस वाली ।
साली गुङ चीनी से मीठी ।
साली होय मिसरी की डाली ।
बीबी अपनी जगह है वीरन ।
साली ऊ कही जात आधी घरवाली ।

3 टिप्‍पणियां:

विजयप्रकाश ने कहा…

सच है...साली का रिश्ता मीठा होता है.

बेनामी ने कहा…

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बेनामी ने कहा…

राजीव गुरु जी ! आपका ब्लॉग पढ़ा और देखा .अछ्छा नही लगा .ऐसा लगा कि हलके फुल्के स्तर की कोई मैग्जीन पढ़ रहा हूँ जिसमें मनोरंजन के लिए चुटकले हैं सेक्स पर मसाला है कुछ कहानिआं हैं मगर ब्लॉग ओह मई गोड जैसे नाम के अनुसार विचार नहीं मिले .स्तर सुधारों बरना ऐसे ही स्तर के लोगों से घिरे रहोगे । कुलश्रेष्ठ । आगरा.

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