शुक्रवार, जुलाई 23, 2010

कुछ चुटीले sms

लेखकीय -- ये मेरे कालेज के दोस्तों की खुराफ़ात । जो मेरे साधु हो जाने के बाद भी ऐसे sms भेजकर मेरा धर्मभृष्ट करना चाहते हैं ।
या देवी..या देवी ..सर्वभूतो....?
*** आपसे रोज मिलने को जी चाहता है । कुछ सुनने सुनाने को जी चाहता है । आप के मनाने का अन्दाज ऐसा । कि फ़िर से रूठ जाने को जी चाहता है ।
*** उफ़ । दबाओ ना । जरा जोर से । ऐसा करो । अपनी शर्ट निकालो । पेंट भी । मेरी कुर्ती भी । अब जोर से । टाइट है । और जरा जोर से । ओह हो गया । सूटकेस बन्द ।
*** अगर हम न होते तो गजल कौन कहता । उनके चेहरे को कमल कौन कहता ।
ये करिश्मा है मोहब्बत का । वर्ना पत्थर को ताजमहल कौन कहता ।
*** लव इज नाट ओनली । मेड फ़ार लवर्स । इटस आल्सो फ़ार फ़्रेंडस । हू लव ईच अदर । बैटर दैन लवर ।
*** रोयेगी आंख मुस्कराने के बाद । आयेगी रात दिन ढलने के बाद । ए दिल में रहने वाले । कभी जुदा न होना । शायद ये जिन्दगी ना रहे । आपसे बिछडने के बाद ।
*** रात होगी तो चांद भी दुहाई देगा । ख्वावों में तुम्हें वो चेहरा दिखाई देगा । ये मोहब्बत है जरा सोच के करना । इक आंसू भी गिरा तो सुनाई देगा ।
**** दोस्ती करो कालेज वाली से । प्यार करो आफ़िस वाली से । प्रोग्राम करो पडोस वाली से । आंख लडाओ साली से । लव करो दिलवाली से । और मार खाओ घरवाली से ?

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