शुक्रवार, जुलाई 23, 2010

प्रेम नीड कहां खोया है..?

**** प्यार में यह क्या महसूस होता है ? प्यार आखिर है क्या ? सब कुछ लुटा देने पर मजबूर करने वाला ये प्यार आखिर देता क्या है ? सदियों बाद भी इस प्रश्न का कोई उत्तर नहीं है ।

कतरा कतरा गिरते आंसू । बार बार दिल रोया है ।
ओ जुल्मी तेरे प्यार की खातिर । हमने क्या क्या खोया है ।
हार गये हम दिल भी अपना । एक दाव मुहब्बत का खेला ।
तेरी एक चाहत की खातिर । क्या क्या सितम न हमने झेला ।
पीछे मुढ के देख ये दिल । तेरे कारन रोया है ।
तेरी एक हंसी की खातिर । हमने खुद को लुटा दिया ।
कोई गुनाह हुआ न हमसे । हर गुनाह कबूल किया । उजडा पंक्षी मारा फ़िरता । प्रेम नीड कहां खोया है ।

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