सोमवार, अप्रैल 09, 2012

डायन और चुड़ैल

बहुत पुराने समय से ही तमाम लोगों का डायन और चुड़ैल के अस्तित्व पर बेहद विश्वास रहा है । लोगों का यह भी मानना है कि ये डायनें टोना टोटका और काले जादू से आम लोगों का भारी नुकसान करने की क्षमता भी रखती हैं । डायनों की इसी काली करतूत की वजह से उन महिलाओं को भयंकर यातनायें देने के साथ साथ उन्हें जिंदा भी जला दिया गया । जिन पर इस तरह के आरोप थे । यहाँ तक कि जोन ऑफ आर्क को लेकर शीबा की रानी तक पर डायन होने का आरोप लगा । जोन ऑफ आर्क को इसी वजह से जिंदा जला दिया गया था । पुराने समय से लेकर आज तक हर देश में डायनों की खोज की जाती रही है । और यह तरीका भी अपने आप में कई बार आश्चर्यजनक होता है ।


कई शताब्दियों तक अधिकतर ईसाई समाज यही मानता रहा है कि - शैतान कुछ मनुष्यों या जीवों द्वारा अपना काम करवाता है । इस तरह की बातें । लगभग अनपढ़ यूरोप में मध्य पूर्व देशों में धर्म युद्ध के लिए गये । सैनिक ही अपने साथ अधिक लाये । जल्द ही शैतान की ताकत को कम करने या पूरी तरह समाप्त करने के लिए भी कुछ ऐसे कर्म काण्ड होने लगे । कुछ लोगों पर आरोप आया कि वे शैतान के सेवक यानी डायन हैं । यहाँ तक कुछ जानवरों तक पर इस तरह का आरोप लगा । तब इन लोगों व जीवों पर बाकायदा मुकदमा भी चला ।
यूरोप में काथार्स और नाइट टेम्पलर्स की समाप्ति के बाद ऐसे लोगों की खोज शुरू हुई । जो शैतान के सेवक थे । ऐसी महिलाओं को भी पकड़ा गया । जो जादू टोना करने या तंत्र मंत्र में माहिर थी । सच तो यह भी है कि यूरोप में ईसाई धर्म के फैलने से पहले ही डायनों और उन्हें खोजकर सजा देने का काम जारी था । कुछ महिलायें जिन्हें डायन घोषित किया गया था । वे बेचारी प्राकृतिक चिकित्सा । जड़ी बूटियों आदि के द्वारा इलाज  ही करती थी ।
अधिकतर गरीब । बेसहारा औरतों पर ही यह आरोप लगता था । ईसाई लोगों की नजर में इन महिलाओं का काम

गैर ईसाई था । और इसे घोर अपराध के तौर पर माना जाता था । इसलिये इनके अंगूठों को मोड़कर तोड़ दिया जाता । या फ़िर नाखूनों को ही उखाड़ दिया जाता । इंगलैंण्ड के ईस्ट एंजलिया प्रांत में एक समय मैथ्यू हॉपकिस नाम का ऐसा जनरल था । जो स्वयं को डायन ढूंढने वाला जनरल कहता था । उसका दावा था कि शरीर पर निशान विशेष देखकर वह आसानी से डायन होने का पता कर सकता है । शायद ही कोई महिला स्वयं को डायन बताती । पर उसे जरूरत से ज्यादा यातना देने के बाद वह घोर नारकीय यातना से बचने के लिए हाँ कर ही देती ।
डायन या चुड़ैल मानी गई महिलाओं ( या पुरूषों ) को जिंदा जलाने के अलावा फाँसी भी दी जाती । या हाथ पांव

बांधकर पानी में फेंक दिया जाता । लेखक जॉर्ज रिडली स्कॉट के अनुसार - जिस तरह का अत्याचार इन कथित डायनों पर किया गया । उसकी मिसाल भी और कहीं नहीं मिलती । यह जरूरी नहीं था कि डायन करार दिए गए लोगों में केवल महिलायें ही हों । क्योंकि आइसलैंण्ड में ज्यादातर पुरूषों पर ही इस तरह के आरोप लगे । इंग्लैण्ड में कथित डायनों को सूली पर लटकाया जाता । पर यूरोप के अन्य देशों में इन्हें जिंदा जला देने का ही प्रचलन था । अफ्रीका में भी डायनों के भय ने हमेशा से ही डायनों की खोज करवाई । कई बार तो लोगों ने किसी को उसके डायन होने के शक के चलते ही पीट पीटकर मार दिया । लेखक आड्रे रिचर्डस के अनुसार नामूकापी नामक डायन खोजने वाले बेम्बा लोगों के गाँव में एक बार इकठ्ठा हुए । गाँव के मुखिया से सभी के लिये भोजन बनाने को कहा गया । एक एक करके गांव के लोगों से कहा गया कि वे शीशे में अपना मुँह देखें । क्योंकि इन नामूकापी लोगों पर भरोसा है । और वे कहते हैं कि नामूकापी उन्हीं लोगों को डायन बताते हैं । जिन पर गाँव वालों को पहले से ही कुछ शक रहता है ।
इन गोरे लोगों के आ जाने के साथ जो नये रीति रिवाज । पूजा पद्धतियां वगैरह यहाँ आईं । उनसे बचने के लिए इन पर जो दबाव पड़ा । उसने भी जादू टोने आदि को बढ़ावा दिया । दक्षिण अफ्रीका के बन्तू कबीले के लोगों का दावा है कि वे सूँघ कर यह बता सकते हैं कि कोई डायन है या नहीं ।
हमेशा से ही मनुष्य ने अपनी गलतियों और कमजोरियों का दोष दूसरों पर मढ़ा है । अगर किसी साल फसल 


खराब हो जाए । तो दोष किसी टोना टोटका करने वाले पर मढ़ा जाता । और शुरू हो जाती उस डायन की खोज । ज्यादातर बूढ़ी महिलाओं को ही डायन बताया जाता रहा है । क्योंकि यह मान्यता प्रचलित रही है कि शैतान को पता है कि - महिलायें शारीरिक सुख पसंद करती हैं । इसलिये शैतान डायनों से संबंध बना इनसे मनचाहा काम लेता है ।
सैकड़ों वर्षों बाद आज भी भारत सहित तमाम अन्य देशों में भी डायनों की खोज जारी है । कई ऐसे मत व संप्रदाय हैं । जो यह दावा करते हैं कि वे डायनों का ब्रेन वाश कर उन्हें सही रास्ते पर ले आयेंगे । कई बार ऐसे संप्रदाय के लोगों को पकड़ा भी गया । और उन्हें सजायें भी मिलीं । आज भले ही खुले आम डायन या चुड़ैल समझी जाने वाली महिलाओं को सजा न दी जाती हो । पर आज भी ऐसे आरोप कई महिलाओं पर लगाये जाते हैं । व कुछ को सजा के तौर पर यातना झेलनी भी पड़ती है ।

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